Monday, 10 October 2011

मेरी दुल्हन, मेरी कविता

मेरा मन जितना प्यार करे
ये भावो से साकार करे
फिर शब्दो का सिणगार बना
नस नस पे मीठा वार करे
रस की छलकाती गगरी जब
लगती है ये पणिहारिन सी
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
बन कर के कोई क्षत्राणी,ये दुष्टो का संहार करे
नयनो को ढाल बनाए फिर पलको को तलवार करे
पहने मुण्डो की माला जब
बन जाती समर भवानी सी
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
तन से पुरी मधुशाला है,मन से ये भोली बाला है
केशो मेँ अंधियारा रातो सा चेहरे पर गजब उजाला है
होँठो का तिल मानो करता हो चुंबन की अगवानी सी
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
मिसरी सी मीठी बोली है,संग रखती स्नेह की झोली है
इसके पहलु मेँ हर सांझ दीवाली, हर रोज सवेरे होली है
बासंती रंगो मेँ लगती है ये कोई मदमस्त जवानी सी
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
रुठे तो नादान लगे,उसकी प्रीती एहसान लगे
मैँ सहज सरल सा मानव हुँ वो अवतारी भगवान लगे
मै राम हुँ तो वो शबरी है
हुँ किशन तो मीरा दीवानी सी
मेरी दुल्हन, मेरी कविता
मेरी दुल्हन, मेरी कविता

" छलता रहा"


साथ मेरे दुर तक साया तेरा चलता रहा,
ख्वाहिशो की आड मेँ अरमाँ नया पलता रहा,
आजमाईश प्यार की तो हो गई थी राह मेँ,
जो कहा तुमने दिया और ये जहाँ जलता रहा

सुन के अपनी गर्म आहेँ शब सिसकियां भरती रही,
तेरे बदन पे मेरे लबोँ की शबनम भी बिखरती रही,
मौन रहकर चाँद ने भी फलक पे पहरा दिया,
हाँ मगर इस हुस्न पे फिर वो भी मचलता रहा

बाँहो का देके हार तुमने मुझको सीखाया प्यार तुमने,
उठती हुई पलके गिराकर मुझसे किया इकरार तुमने,
जाने लगा जब छोड तुमको हाय ! किया इनकार तुमने,
इन अदाओँ से संगदिल मैँ मोम सा ढलता रहा

मुझसे किए इजहार मेँ तुमने तो बातेँ चंद की,
हाँ मगर सब कह दिया जब अपनी ये आँखे बंद की,
लेकर तुम्हेँ आगोश मेँ मैँने उस खुदा को पा लिया
जो खुदा नजदीक रहकर भी मुझे छलता रहा

R.I.P. Jagjeet Singh

It's so sad to hear about mr.jagjeet singh king of ghazals died,his first album was "The Unforgetteble"This album contain my favourite ghazal Dost Ban Ban ke Mile Mujhko MItanewale.....................................................oh my god...........................why you doesn't give immortality to legends......